ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन ('एहरा') 1987 में गठित होने के बाद निरंतर जनसेवा के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। 1987 से लेकर 2014 तक 'एहरा' द्वारा किए गए कार्यों की फेहरिस्त काफी लंबी है। सभी का वर्णन यहां पर करना संभव हीं नहीं है। संक्षेप में इतना अवश्य कहा जा सकता है कि 'एहरा' ने मानव समाज के उत्थान के लिए, मानवता की सेवा के लिए और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए जो संकल्प लिया था वह आज फलीभूत होता दिख रहा है। 'एहरा' ने इन 28 वर्षों के बीच पूरे देश में सेमिनारों का आयोजन किया तथा राष्ट्रव्यापी यात्राएं भी की। अपनी तीसरी यात्रा (जो कि 2013 में सम्पन्न हुई) से हमें ये अनुभव हुआ कि अब मानवाधिकारों की जानकारी लोगों को हो चुकी है। मुझे इस बात का काफी संतोष है कि जिन-जिन जगहों पर 'एहरा' के स्वयंसेवकों ने मानवाधिकारों के बारे में लोगों को जागरूक किया था वहां अब लोग मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाने लगे हैं। अब लोग दबंगों, पुलिस, प्रशासन और नेताओं से भी खुलकर बात करने लगें है और निडर होकर मानवाधिकारों की मांग करने लगे हैं। महाराष्ट्र हो, या गुजरात, मध्य प्रदेश या छत्तीसगढ़, तमिलनाडु हो, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश हो या बिहार, उड़ीसा हो पश्चिमी बंगाल, असम हो, या त्रिपुरा हो या जम्मू कश्मीर, हरियाणा, पंजाब हो या दिल्ली। हर जगह मानवाधिकार के बारे में लोग जागरूक हो चुके हैं। इसे हम अपनी बहुत बड़ी सफलता मानते हैं क्योंकि भारत वर्ष में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन 1993 में हुआ जबकि ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन 1987 में गठित होने के बाद 1989 में पंजीकृत हो गई थी। हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि देश में मानवाधिकार के संरक्षण व उसके बारे में जागरूकता लाने के लिए 'एहरा' ने पहल की। आज 'एहरा' छोटे से पौधे से बढ़कर वटवृक्ष बन चुका है। मानवाधिकारों के साथ-साथ 'एहरा' ने देश व समाज की सेवा के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। 'एहरा' जहां देश विदेश के लोगों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कृत कर चुकी है, वहीं सामाजिक न्याय के लिए भी 'एहरा' के स्वयंसेवक अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। 'एहरा' की करीब 683 ईकाइयां पूरे देश में बन चुकी है और 36000 हजार से अधिक कार्यकर्ता पूरे मन व प्राण से देश में समाज की सेवा में लगे हैं।
'एहरा' के साथ विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोग जुड़े हैं। इनमें न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका तथा पत्रकारिता क्षेत्र के लोग शामिल हैं। हम अपने मिशन को और प्रभावशाली और गतिशील बनाना चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखकर 'एहरा' एडवोकेट एसोसिएट्स (।।।) व 'एहरा' जर्नलिस्ट एसोसिएट्स (।श्र।) का गठन करने जा रही है। साथ ही 'एहरा' यू.एस. चेप्टर एवं अन्य देशों का चेप्टर भी शुरू करने जा रही है। यह हमारे सफलता की माला में एक और भी सुंगधित पुष्प होगा। 'एहरा' गरीबों, शोषितों, वंचितों के लिए कुछ विशेष कार्य करने का भी मन बना चुकी है। 'एहरा' ने अब तक अपनी पत्रिका एहरा ह्यूमन राइट्स के माध्यम से तमाम सम-सामयिक विषयों को उठाया हैै तथा जनहित में अपनी मांगों को सरकार के सामने रखी है।
व्यस्तताओं के बावजूद हमने कुछ पुस्तकें भी लिखी हैं और इन पुस्तकों में विभिन्न समस्याओं को उठाते हुए उनका समाधान भी दर्शाया गया है। आने वाले समय में विभिन्न समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कई अन्य पुस्तकें भी हम लिखने जा रहे हैं। इन पुस्तकों में समाज में व्याप्त बुराईयों को उठाया गया है तथा उनका समाधान भी दिया गया है। ये किताबें हर वर्ग के लोगों के लिए हैं। उम्मीद है कि सभी को पसंद आएगी। ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन देश के तमाम बुद्धिजीवियों से अपील करती है कि वे हमारे संघ से जुड़ें। देश की समस्याओं को दूर करने तथा देश की उन्नति के लिए हमारा सहयोग करें। इसके साथ ही हम उन लोगों से भी यहां अपील करेंगे जो प्रशासन व दबंगों की दबंगई से परेशान हैं, जिन्हें न्याय मिलने में भी परेशानी हो रही है वे अपनी बात खुलकर हमें लिखें, हम उनकी समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाकर उसका समाधान ढूंढने का प्रयास करेंगे। 'एहरा' का लक्ष्य मानवता की सेवा और मानवाधिकारों का पालन और संरक्षण है। हम निरंतर अपने पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे। हमें आपके सहयोग की जरूरत है।
डॉ. एम. यू. दुआ